आप्णी माँत्र भाषा सिरमौरी-लादू दे "बेदारी के गीत" गाऐयों, प्रभू पंणमिश्वर आरी आप्णा ध्यान लगन लाव । ऐई मुझी शुणों अरह् डाऊँनलोड़ करह् ।
तुऐं आँमों खे ईन्दा दिया गुवा फार्म भरियों ऐक शुज़ा देऐ सको । तुओं आप्णों नाँव के ईमैल देणों की किऐ जरूरत ने आथी । अरह् जाँव तोड़ी तुऐं किऐ आँमों शा सुवाल ने पुछी लई अरह् ना तिंन्दें का किऐ जाबाब माँगी लई ।